Wednesday, December 22, 2010

दूरसंचार घोटाला: क्या सीबीआई प्रभुचावला, बरखा और सांघवी से भी पूछ-ताछ करेगी?



आकाश श्रीवास्तव
प्रबंध संपादक, थर्ड आई वर्ल्ड न्यूज़।
22 दिसंबर 2010
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के रडार पर देश की जो प्रमुख हस्तियां हैं उनमें मीडिया के कई धुरंधरों का नाम भी शामिल बताया जा रहा है। सूत्रों पर अगर भरोशा करें तो सीबीआई जो भारत के उच्चतम न्यायालय के निगरानी में देश के सबसे बड़े करीब पौने दो लाख करोड़ दूरसंचार घोटाले की जांच को आखिरी अंजाम देने में जुटी है उसमें देश के करीब दो दर्जन रुतबेदार लोगों को बाल की खाल निकालने में जुटी हुई है। खबर मिल रही है कि जांच अधिकारी अभी तक करीब 24 लोगों के खातों की जांच कर चुके हैं। जांच के दौरान पता चला है कि कई हस्तियों के खातों से बेहिसाब रकमों को निकाला और डाला गया है।
 
 अभी तक सीबीआई की जांच से पता चला है कि नीरा और राजा के अलावा भी बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने बहती गंगा में जमकर हाथ धोए हैं। इसमें कई मझले छोटे-बडे राजनीतिक दलाल, सांसद सदस्य और उनके रिश्तेदारों का हाथ है।मीडिया के रूतबेदार लोगों के नाम तो मीडिया में जगजाहिर हो ही चुका है। जिन्होंने दूरसंचार के घोटाले में जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा जमकर खाया है। सबसे चौंकाने वाली बात तो है कि मीडिया जगत के भीष्म पितामह और अनुसूईया कही जानी वाली हस्तियों ने भी पत्रकारिता की आड़ में दलालों की भूमिका अदा की। दूरसंचार के घोटाले की कड़ी में कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में इनका भी नाम भी जुड़ गया है।
 
फिलहाल कहा जा रहा है कभी जिसका टीवीटुडे ग्रुप में डंका बजता था यानि प्रभुचावला, एनडीटीवी की चहेती पत्रकार बरखा दत्त, हिंदुस्तान समूह के धुरंधर पत्रकार वीर सांघवी और सुहेल सेठ जैसे लोगों को पूछ-ताछ की श्रेणी में रखा गया है। ये उन लोगों के नाम है जिनका कारपोरेट दलाल नीरा राडिया से संबंध रहें हैं। नीरा राडिया के दलाली वाले इस खेल के फोन टैपिंग मामले में इन सभी के नाम उजागर हो चुके हैं। यहां यह भी बता दें कि टीवी टूडे ग्रूप यानि आजतक और इंडिया टूडे समूह के नाम से जो सबसे ज्यादा जाना जाता है के प्रबंधनतंत्र ने प्रभु चावला के पर कतर चुका है। कभी इस समूह के सर्वे-सर्वा कहलाने वाले प्रभुचावला की जगह एम. जे अकबर को बैठा दिया गया है। लेकिन बाकी संस्थानों ने अपने दलाल पत्रकारों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
 
फिलहाल इन लोगों से सीबीआई दूरसंचार मामले में किसी न किसी रूप में इनसे पूछ-ताछ कर सकती है। जब पूछ-ताछ होगी तो जांच की पहलू जरूर चमकदार होगी। इन्हें जांच एजेंसियां अदालत में गवाह के तौर पर भी पेश कर सकती हैं। उधर सीबीआई ने जब नीरा राडिया से पूछताछ की प्रक्रिया शुरू की तो उन्होंने जांच अधिकारियों से कहा कि वे सीधे गृहमंत्री से के समाने अपना पक्ष रखेंगे। उनकी इस दुस्साहसी पर जांच अधिकारी को कड़ाई दिखानी पड़ी और कहा कि पहले सवालों का जवाब दो बाद में गृहमंत्री से मिलना। कहा तो यहां तक जा रहा है कि एक डीआईजी स्तर के अधिकारी ने नीरा को कसकर डांटा भी।
ख़बर यह भी है कि गृहमंत्रालय कवर करने वाले पत्रकारों से नीरा राडिया मदद लेने की कोशिश में हैं। मीडिया में आ रही ख़बरों के मुताबिक नीरा राडिया देश के गृहमंत्री से कई बार मिल चुकी हैं। उधर राजा जो इस घोटाले के मुख्य सूत्रधार हैं सीबीआई उन्हें घेरे में लेने के लिए कवायद करने में जुटी हुई है। फिलहाल जैसे जैसे सीबीआई की जांच में तेजी आएगी पूरा मामला प्याज के छिलके की परत की तरह निकलना शुरू होगा। तब पता चलेगा कि पूरे मामले में कौन लोग थे और उन्होंने कैसे दूरसंचार मंत्रालय को अपना बपौती समझकर जमकर लूटपाट मचाई।
 

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