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Monday, December 27, 2010
भारतीय सेना ने अपने 'पापों' की जानकारी देने से मना किया?
Friday, December 24, 2010
प्रभु चावला का पर कतरने में पीएमओ का हाथ?
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Wednesday, December 22, 2010
दूरसंचार घोटाला: क्या सीबीआई प्रभुचावला, बरखा और सांघवी से भी पूछ-ताछ करेगी?
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Sunday, December 19, 2010
मेरे माता-पिता राजीव से मेरी शादी नहीं चाहते थे - सोनिया गांधी, विकीलीक्स का खुलासा
मेरे माता-पिता राजीव से मेरी शादी नहीं चाहते थे - सोनिया गांधी, विकीलीक्स का खुलासा
नई दिल्ली
१९ दिसंबर २०१०
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कैलीफोर्निया के गवर्नर की पत्नी से स्पष्ट रूप से कहा था कि उनके माता-पिता राजीव गांधी के साथ उनकी शादी के खिलाफ थे। यह खुलासा विकिलीक्स द्वारा लीक किए गए अमेरिकी दूतावास के संदेशों से हुआ है।गांधी ने अगस्त, 2006 में अर्नाल्ड श्वार्जनेगर की पत्नी, मारिया श्राइवर से यह भी कहा था कि वह किसी दिन इस पूरी कहानी पर किताब लिखेंगी कि उन्होंने 2004 में प्रधानमंत्री पद क्यों ठुकरा दिया था।
गांधी और श्राइवर की मुलाकात से सम्बंधित यह संदेश चार अगस्त, 2006 का है, और इसे गोपनीय के रूप में चिन्हित किया गया है। इसका शीर्षक है "ए गैरुलस सोनिया गांधी ओपेन्स अप टू मारिया श्राइवर।" इसमें यह संकेत किया गया है कि सोनिया ने कितनी खुलकर बातचीत की थी। श्राइवर ने भारत के अपने आधिकारिक दौरे में सोनिया से मुलाकात की थी। संदेश के एक अंश में संकेत किया गया है कि शायद दोनों की बातचीत को वहां मौजूद अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने टेप कर लिया था। संदेश में कहा गया है, "गांधी ने कहा था कि उनके माता-पिता ने राजीव गांधी के साथ उनकी शादी का विरोध किया था, लेकिन वह नाराज हो गई थीं और उन्होंने राजीव से शादी कर ली थी।"
ज्ञात हो कि राजीव गांधी 1984 में प्रधानमंत्री बने थे और 1991 में उनकी हत्या कर दी गई थी। संदेश में कहा गया है कि सोनिया अपने उस निर्णय के बारे में नहीं बताना चाहती थीं कि उन्होंने 2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की जीत के बाद प्रधानमंत्री पद क्यों ठुकरा दिया था। सोनिया ने श्राइवर से कहा था, "मुझसे इस बारे में अक्सर पूछा जाता है, लेकिन मैं लोगों से कहती हूं कि मैं किसी समय इस पूरी कहानी पर किताब लिखूंगी। आईएनएस।
नई दिल्ली
१९ दिसंबर २०१०
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कैलीफोर्निया के गवर्नर की पत्नी से स्पष्ट रूप से कहा था कि उनके माता-पिता राजीव गांधी के साथ उनकी शादी के खिलाफ थे। यह खुलासा विकिलीक्स द्वारा लीक किए गए अमेरिकी दूतावास के संदेशों से हुआ है।गांधी ने अगस्त, 2006 में अर्नाल्ड श्वार्जनेगर की पत्नी, मारिया श्राइवर से यह भी कहा था कि वह किसी दिन इस पूरी कहानी पर किताब लिखेंगी कि उन्होंने 2004 में प्रधानमंत्री पद क्यों ठुकरा दिया था।
गांधी और श्राइवर की मुलाकात से सम्बंधित यह संदेश चार अगस्त, 2006 का है, और इसे गोपनीय के रूप में चिन्हित किया गया है। इसका शीर्षक है "ए गैरुलस सोनिया गांधी ओपेन्स अप टू मारिया श्राइवर।" इसमें यह संकेत किया गया है कि सोनिया ने कितनी खुलकर बातचीत की थी। श्राइवर ने भारत के अपने आधिकारिक दौरे में सोनिया से मुलाकात की थी। संदेश के एक अंश में संकेत किया गया है कि शायद दोनों की बातचीत को वहां मौजूद अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने टेप कर लिया था। संदेश में कहा गया है, "गांधी ने कहा था कि उनके माता-पिता ने राजीव गांधी के साथ उनकी शादी का विरोध किया था, लेकिन वह नाराज हो गई थीं और उन्होंने राजीव से शादी कर ली थी।"
ज्ञात हो कि राजीव गांधी 1984 में प्रधानमंत्री बने थे और 1991 में उनकी हत्या कर दी गई थी। संदेश में कहा गया है कि सोनिया अपने उस निर्णय के बारे में नहीं बताना चाहती थीं कि उन्होंने 2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की जीत के बाद प्रधानमंत्री पद क्यों ठुकरा दिया था। सोनिया ने श्राइवर से कहा था, "मुझसे इस बारे में अक्सर पूछा जाता है, लेकिन मैं लोगों से कहती हूं कि मैं किसी समय इस पूरी कहानी पर किताब लिखूंगी। आईएनएस।
Wednesday, December 15, 2010
एनडीटीवी और आईसीआईसीआई बैंक ने मिलकर देश के साथ किया महाघोटाला?
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Saturday, December 11, 2010
एनडीटीवी के मालिक प्रणव रॉय का देश के साथ महाघोटाला?
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Sunday, December 5, 2010
सीबीआई की वेबसाइट बाबा आदम के ज़माने की है!
५ दिसंबर २०१०
'पाकिस्तानी साइबर आर्मी' नामक एक संगठन ने शुक्रवार रात केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की वेबसाइट को हैक कर दिया। यही नहीं, पाकिस्तान के इंटरनेट हैकरों ने इस 'साइबर हमले' में नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) की वेबसाइट सहित 200 से अधिक वेबसाइट्स हैक करने का दावा किया है। बहरहाल, सीबीआई ने 'पाकिस्तानी साइबर आर्मी' के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, "हमने देखा कि तीन से चार दिसम्बर की रात सीबीआई की आधिकारिक वेबसाइट के साथ अनधिकृत रूप से छेड़छाड़ की गई है। हमने कानून के तर्कसंगत प्रावधानों के तहत सीबीआई के साइबर अपराध शाखा में एक मामला दर्ज कराया है।" जांच एजेंसी की वेबसाइट शनिवार को भी प्रभावित रही।
जांच एजेंसी के अनुसार शुक्रवार रात वेबसाइट पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का संदेश पोस्ट किया गया, लेकिन एजेंसी का कहना है कि उसे यह नहीं पता है कि इस साइबर हमले के पीछे किसका हाथ है। अधिकारी के मुताबिक लोगों के उपयोग के लिए वेबसाइट को शीघ्र उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, " एनआईसी और सीबीआई के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ वेबसाइट सक्रिय करने के काम में लगे हुए हैं।"
उधर, इस्लामाबाद में स्थानीय समाचार पत्र 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के मुताबिक 'प्रीडेटर्स पीके' नामक संगठन का कहना है कि 26 नवंबर को 'भारतीय साइबर आर्मी' (आईसीए) द्वारा पाकिस्तानी वेबसाइट्स पर किए गए साइबर हमले का बदला लेने के लिए ऐसा किया गया है। पत्र के मुताबिक आईसीए ने 26 नवंबर को 36 पाकिस्तानी वेबसाइटों को हैक किया था। इनमें पाकिस्तानी नौसेना, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी), विदेश मंत्रालय, शिक्षा और वित्त मंत्रालय की वेबसाइट्स शामिल थीं। इनके अलावा इस्लामिक संगठनों की कई वेबसाइट्स को भी हैक किया था। आईसीए ने वेबसाइट हैक किए जाने के दौरान लिखा था, "यह 26/11 हमले (मुम्बई आतंकी हमले) का बदला है।"
वेबसाइट पर जारी संदेश में लिखा गया है, "इंडियन साइबर आर्मी द्वारा पाकिस्तानी वेबसाइट को हैक करने के जवाब के तौर पर इस वेबसाइट को हैक किया गया है। हमने आप से पहले भी कहा था..हम सो रहे हैं लेकिन मरे नहीं हैं।" समूह ने दावा किया है कि उसने सीबीआई की वेबसाइट को उपलब्ध कराने वाली 'नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर' (एनआईसी) के सर्वर को भी हैक किया है। एक हैकर ने वेबसाइट पर भेजे गए संदेश में लिखा है, "यह भारतीय हैकरों के लिए केवल एक चेतावनी है।
पाकिस्तानी वेबसाट्स को निशाना बनाना बंद करें। हमें कुछ साबित करने के लिए मजबूर न करें। आपकी सुरक्षा अच्छी है लेकिन हम इसे भेद रहे हैं।" समूह ने कहा है, "हम भारत के साथ साइबर युद्ध के लिए तैयार हैं, जिसे भारत ने पाकिस्तान के विरूद्ध शुरू किया है। यह हमारी सरकार की कमजोरी है, जिसने अपनी सरकारी वेबसाइट्स को सस्ते सर्वर से जोड़ रखा है। पूरे पाकिस्तान को पाकिस्तानी हैकरों की क्षमता को समझना चाहिए।"
"अब पाकिस्तान की सरकार को अपनी साइट्स की और अधिक सुरक्षा करनी चाहिए। हमने उन्हें उसी दिन बता दिया था जब यह समस्या सामने आई थी। पाकिस्तानी नागरिकों को चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि पाकिस्तानी हैकर अभी जीवित हैं।" सा.....
Friday, December 3, 2010
बरखा दत्त किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पायीं!
आलोक तोमर वरिष्ठ पत्रकार 3 दिसंबर 2010 नई दिल्ली। टेलीविजन मीडिया की सुपर स्टार बरखा दत्त को बचाने के लिए उनके चैनल एनडीटीवी ने भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में पहली बार अपने ही किसी पत्रकार का अपने ही पर्दे पर कोर्ट मार्शल करवाया और सच यह है कि इस कोशिश से बरखा दत्त को और अधिक अपमान का सामना करना पड़ा। बरखा दत्त किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दे पाई और आखिरकार उन्होने सवाल करने वालों से ही सवाल करने शुरू कर दिए। चैनल उनका था, कार्यक्रम संचालित कर रही देवी जी उनके अधीन काम करती हैं और संपादकों का जो पैनल बरखा से पूछताछ करने बैठा था उसमें वे मनु जोसेफ भी थे जिन्होंने ओपेन मैग्जीन के जरिए नीरा राडिया और बरखा के टेप उजागर किए हैं। | ||||||
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रही बात बाकी संपादकों की तो दिलीप पंडगावकर से ले कर स्वपन दासगुप्ता तक कोई यह मानने को राजी नहीं था कि बरखा ने नीरा राडिया के साथ मिल कर खेल नहीं खेला है। बरखा को कहना पड़ा कि वे तो खबर पाने के लिए नीरा राडिया को बेवकूफ बना रही थी। उनको यह भी मंजूर करना पड़ा कि नीरा राडिया ने ही उनकी रतन टाटा से कई मुलाकाते करवाई थीं। | ||||||
मनु जोसेफ ने पूछा कि आखिर नीरा राडिया सरकार बनाने में दो पार्टियों के बीच मैनेजर बनी हुई थी और क्या यही असली खबर नहीं थी? पहले तो बरखा दत्त ने माना कि उनसे फैसला करने में गलती हुई मगर मुझे वास्तव में पता नहीं था कि नीरा राडिया कौन है? मेरे पास तो हजारों फोन आते हैं, यह बरखा ने कहा। लेकिन यह मनु जोसेफ के सवाल का जवाब नहीं है। बरखा ने जानबूझ कर एक घंटे के शो का समय बर्बाद किया। उन्होंने अपने टेप दिखाना जारी रखा, अपनी अपनी रिपोर्टिंग के बुलेटिन फिर दिखाए और यह साबित करने की पूरी कोशिश की कि देश में उनसे बड़ा प्रतिभाशाली और शानदार पत्रकार कोई नहीं है। बरखा दत्त जो शुरू में थोड़ी आत्मरक्षा की बाते कर रही थी आखिरकार इसी बात पर आ कर अटक गई कि यह अगर पत्रकारिता पर नैतिकता की बहस है तो ओपेन मैग्जीन के मनु जोसेफ से भी पूछा जाना चाहिए कि आखिर उन्होंने उनके होर्डिंग क्यों लगाए और उनके निजी एसएमएस को सार्वजनिक क्यों किया? | ||||||
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