Saturday, April 16, 2011

सरकार ने चली चाल, समिति में दरार पड़ने की संभावना?




 
आकाश श्रीवास्तव
प्रबंध संपादक, थर्ड आई वर्ल्ड न्यूज़
नई दिल्ली।
लोकपाल विधेयक पर हुई पहली बैठक में दरार पड़ने की पूरी संभावना नज़र आ रही है। उल्लेखनीय है कि शांति भूषण के सीडी विवाद का फायदा उठाते हुए सरकार ने लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने के लिए बनाई गई संयुक्त समिति की पहली बैठक में नागरिक समिति के कई प्रस्तावों को मानने से इंकार कर दिया है। इसके अलावा सरकार ने नागरिक समिति की ओर से तैयार जन लोकपाल बिन के प्रारूप को भी मसौदे का आधार मानने से इनकार कर दिया। इन तमाम पहलुओं को देखते हुए लगता है कि सरकार और नागरिक समिति के बीच में या तो टकराव होगा या फिर नागरिक समिति जैसा चाहता है वैसा बिल बन पाना असंभव सा लग रहा है। इसके पीछ कई कारण भी हैं। एक तो सरकार ने समिति की वीडियो रिकार्डिंग की मांग को भी खारिज कर दिया है। उसने सिर्फ ऑडियो रिकार्डिंग ही करवाई है। सरकार ने आखिर ऐसा क्यों किया?
 
 
 
उधर जन लोकपाल बिल में जज और मंत्री को निलंबित करने का प्रस्ताव भी सरकार ने नामूंजर कर दिया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इन दोनों प्रस्तावों को संयुक्त मसौदे से हटा दिया गया है। अगर ऐसा हुआ तो अन्ना की प्रतिष्ठा और उनकी मागों पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाएगा। सरकार के चतुर मंत्री कपिल सिब्बल ने जरूर करा है कि कहा कि संयुक्त समिति की अब अगली बैठक 2 मई को होगी। उन्होंने यह जरूर कहा कि यह बैठक ऐतिहासिक है, ' जन लोकपाल बिल को मॉनसून सेशन में पेश करना हमारा लक्ष्या है। ' सिब्बयल के मुताबिक, ' सरकार और सिविल सोसायटी के बीच होने वाली बैठकों में जो कुछ भी होगा उसे संयु्क्ते रूप से जनता के सामने रखा जाएगा। '
 

सिविल सोसायाटी के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा, ' फिलहाल वी डियो रिकॉर्डिंग पर सहमति नहीं बन सकी है। लेकिन बैठक में सभी ने यह माना कि ठोस, कारगर और स्व,तंत्र लोकपाल बिल आज के समय की जरूरत है। उन्होंकने कहा, '2 मई को होने वाली बैठक में जन लोकपाल बिल के मूलभूत सिद्धांतों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा हर हफ्ते कम से कम एक बैठक जरूरी होगी। इस जॉइंट ड्राफ्ट कमिटी में 5 केंद्रीय मंत्री और 5 सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी कमिटी के अध्यक्ष हैं, जबकि वरिष्ठ वकील शांति भूषण इसके सह अध्यक्ष है। मुखर्जी के साथ ही इस कमिटी में गृह मंत्री पी. चिदंबरम, विधि मंत्री वीरप्पा मोइली (संयोजक), मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद भी शामिल हैं।
फिलहाल नागरिक समिति की ओर से अन्ना हजारे, कर्नाटक के लोकायुक्त संतोष हेगड़े, पूर्व विधि मंत्री शांति भूषण, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल को शामिल किया गया है। संयुक्त समिति को 30 जून तक लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करना है। 
 

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