१२ अप्रैल २०११ |
योग गुरु बाबा रामदेव को पहली बार ऐसे हालात का सामना करना पड़ा जब उन्हें सुनने आए लोगों में से कोई इतना गुस्सा हो गया हो कि उन पर जूता उछाल दे। लेकिन, इसके बावजूद रामदेव ने उस शख्स को माफ करने में देर नहीं लगाई। घटना के तुरंत बाद उन्होंने कहा कि ' मैंने उसे माफ कर दिया है।' |
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 | | दिल्ली से छपने वाले एक अंग्रेजी दैनिक के मुताबिक सीआरपीएक के एक कर्मचारी मितू सिंह राठौर ने रामदेव के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बाकायदा छुट्टी ली थी। वह ग्वालियर में तैनात है, लेकिन कार्यक्रम में शामिल होने वह नागपुर गया था। लेकिन, उसे तब बहुत निराशा हुई, जब बाबा रामदेव योग के बजाय राजनीति पर ही बोलते रहे। वह योग संबंधी उनकी जानकारियों की चर्चा से प्रभावित होकर इस उम्मीद में वहां पहुंचा था कि उसे योग के बारे में कुछ नई जानकारी मिलेगी जिससे वह फायदा उठा सकेगा। |
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लेकिन, जब रामदेव राजनीति पर ही बोलते रहे तो आखिर गुस्से में आकर उसने अपना जूता उतारा और रामदेव पर फेंक दिया। हालांकि जूता उन्हें लगा नहीं, लेकिन उनके काफी पास से गुजरा। इससे वहां अफरातफरी मच गई। राठौर को पकड़ लिया गया। लेकिन बाबा ने तुरंत कहा कि उन्होंने राठौर को माफ कर दिया है जिसका मतलब था कि मामले को आगे न बढ़ाया जाए। |
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